कल्यासौड़ से माता के मंदिर का पैदल प्रवेश द्वार। |
कल्यासौड़ पैदल मार्ग की तरफ से प्राचीन मंदिर, पुल और धारी गाँव की एक छवि। |
अलकनंदा तट पर एक शिला पर स्थित माँ का प्राचीन मंदिर |
श्रद्धालु, श्रद्धा और मन्नत के लिए माँ को घंटियाँ भेंट करते हैं। |
अलकनंदा नदी पर सुपाणा गाँव / कोटेश्वर में जलविद्युत परियोजना हेतु बाँध बनने और मंदिर के डूब क्षेत्र में होने की वजह से फिर शुरू हुआ मंदिर में माता की मूर्तियों को ऊपर उठाने का काम। |
निर्माणाधीन बाँध
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अभी लिफ्टिंग (उत्तोलन )का काम अधूरा ही था कि बांध की वजह से जल भराव और बाढ़ की वजह से प्राचीन मंदिर का हिस्सा डूब गया और पुल बह गया। |
लगभग निर्मित नवमंदिर माता का। |
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